डॉ. सोनेलाल पटेल से माननीय अनुप्रिया पटेल तक: संघर्ष, समर्पण और सफलता की गाथा

यशस्वी नेता: डॉ. सोनेलाल पटेल और माननीय अनुप्रिया पटेल की प्रेरणादायक गाथा
डॉ. सोनेलाल पटेल: सामाजिक न्याय के पुरोधा
जन्म और प्रारंभिक जीवन
डॉ. सोनेलाल पटेल का जन्म 2 जुलाई 1950 को उत्तर प्रदेश के कन्नौज जिले के बुगलाई गाँव में हुआ। वे डॉ. गोविन्द प्रसाद वर्मा के सात पुत्रों में सबसे छोटे थे। बचपन से ही वे मेधावी, स्वाभिमानी और संघर्षशील थे। उन्होंने एम.एस.सी. और पी.एच.डी. में गोल्ड मेडल प्राप्त किया, जो उनकी अद्भुत प्रतिभा का प्रमाण था।
समाज सुधार और शिक्षा में योगदान
डॉ. पटेल का मानना था कि समाज में फैली असमानता और अन्याय की जड़ अशिक्षा है। इसी सोच के साथ उन्होंने कई शिक्षण संस्थानों की स्थापना की:
✅ सोनेलाल पटेल इंटर कॉलेज, कानपुर
✅ कृष्णा पटेल डिग्री कॉलेज, आजमगढ़
✅ गोविन्द प्रसाद रानी देवी डिग्री कॉलेज, कानपुर
✅ बेरी कल्याणपुर में कई शिक्षण संस्थान
इसके अलावा उन्होंने कोल्ड स्टोरेज, पॉश कॉलोनियों और व्यावसायिक संस्थानों की भी स्थापना की, जिससे समाज के वंचित वर्गों को रोजगार मिला।
राजनीति में प्रवेश और समाज सेवा
4 नवंबर 1995 को उन्होंने “अपना दल” की स्थापना की, जिसका उद्देश्य पिछड़ों, किसानों, महिलाओं और शोषित वर्गों को न्याय दिलाना था।
✅ 1991: इटावा में कुर्मी समाज के सहयोग से माननीय कांशीराम जी को लोकसभा चुनाव जिताने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
✅ 1995: “अपना दल” का गठन कर वंचितों और किसानों की आवाज़ बने।
असमयिक निधन और अपूरणीय क्षति
17 अक्टूबर 2009, दीपावली के दिन कानपुर में एक सड़क दुर्घटना में उनका निधन हो गया। यह समाज और राजनीति के लिए एक अपूर्णीय क्षति थी।
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माननीय अनुप्रिया पटेल: संघर्ष से सफलता तक
पिता की विरासत को आगे बढ़ाने वाली शख्सियत
डॉ. सोनेलाल पटेल की चार बेटियों में माननीय अनुप्रिया पटेल सबसे अधिक चर्चित हैं। उन्होंने दिल्ली के लेडी श्रीराम कॉलेज से बी.ए., कानपुर विश्वविद्यालय से एम.बी.ए. किया और एमिटी विश्वविद्यालय में अध्यापन कार्य किया।
उनका विवाह 27 सितंबर 2009 को इंजीनियर आशीष सिंह पटेल से हुआ, जो वर्तमान में उत्तर प्रदेश सरकार में कैबिनेट मंत्री हैं।
राजनीतिक सफर की शुरुआत
✅ 2012: पहली बार रोहनिया विधानसभा सीट से चुनाव जीतकर उत्तर प्रदेश विधानसभा में प्रवेश किया।
✅ 2014: मिर्जापुर लोकसभा सीट से ऐतिहासिक जीत दर्ज की और मोदी सरकार की सबसे युवा मंत्री बनीं।
✅ 2017: अपना दल (एस) ने 9 विधानसभा सीटें जीतीं।
✅ 2019: फिर से मिर्जापुर से लोकसभा चुनाव जीता और राज्यस्तरीय पार्टी का दर्जा प्राप्त किया।
✅ 2021: मोदी कैबिनेट में केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग राज्य मंत्री बनीं।
✅ 2022: अपना दल (एस) ने 13 विधायकों के साथ उत्तर प्रदेश विधानसभा में अपनी मजबूत उपस्थिति दर्ज कराई।
✅ 2024: स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण, कैमिकल और उर्वरक राज्य मंत्री बनीं।
अंतरराष्ट्रीय उपलब्धियाँ
✅ 2018: कैरेबियन देशों डोमिनिका और ग्रेनेडा का 10 दिवसीय दौरा।
✅ 2018: लंदन स्थित इंडिया हाउस में भारतीय क्रांतिकारियों को श्रद्धांजलि।
✅ 2021: ग्रीस, थाईलैंड और कंबोडिया में भारत का प्रतिनिधित्व।
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माननीय आशीष सिंह पटेल: कार्यकर्ताओं के सच्चे अभिभावक
उत्तर प्रदेश सरकार के कैबिनेट मंत्री माननीय आशीष सिंह पटेल न केवल एक कुशल नेता हैं, बल्कि कार्यकर्ताओं और समाज के दबे-कुचले वर्गों के संरक्षक भी हैं।
✅ उन्होंने अपनी प्रतिष्ठित इंजीनियरिंग की नौकरी छोड़कर समाज सेवा का मार्ग अपनाया।
✅ वे कार्यकर्ताओं का ध्यान एक बड़े भाई की तरह रखते हैं और उनकी समस्याओं का तत्काल समाधान करते हैं।
✅ यदि रात के 12:00 बजे भी किसी कार्यकर्ता को कोई कठिनाई होती है, तो अन्य लोग भले ही फोन न उठाएँ, लेकिन माननीय आशीष भैया हमेशा मदद के लिए तैयार रहते हैं।
उनकी संवेदनशीलता और सेवा भाव ही उन्हें जनता और कार्यकर्ताओं के बीच अत्यंत लोकप्रिय बनाता है।
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निष्कर्ष: सामाजिक न्याय की नई इबारत
✅ डॉ. सोनेलाल पटेल ने समाज के पिछड़े, शोषित और वंचित वर्गों के उत्थान के लिए अपना पूरा जीवन समर्पित कर दिया।
✅ उनकी बेटी माननीय अनुप्रिया पटेल उनके सपनों को साकार कर रही हैं और एक मजबूत राजनीतिक नेतृत्व का परिचय दे रही हैं।
✅ अपना दल (एस) उत्तर प्रदेश की तीसरी सबसे बड़ी पार्टी बन चुकी है और सामाजिक न्याय की लड़ाई को नई ऊँचाइयों तक ले जा रही है।
“हमारा संघर्ष तब तक जारी रहेगा, जब तक समाज के अंतिम व्यक्ति को न्याय नहीं मिल जाता!”