प्रेम रूपी समाज का वर्णन

प्रेम: पाने का नहीं, त्याग और समर्पण का नाम है
प्रेम केवल किसी को पाने की इच्छा नहीं है, यह त्याग, समर्पण और निःस्वार्थ भावना का सर्वोच्च रूप है। जो प्रेम करता है, वह इतिहास बनाता है—अपने संघर्ष, बलिदान और सच्ची निष्ठा से। प्रेम वह शक्ति है जो व्यक्ति को अपने अस्तित्व से ऊपर उठने की प्रेरणा देती है।
जो लोग प्रेम में मरने की बात करते हैं, वे प्रेम की गहराई को समझते ही नहीं। प्रेम आत्मा का मिलन है, न कि शरीर का। मरना कायरता है, लेकिन प्रेम में जीना और संघर्ष करके उसे अमर बनाना वीरता है।
“जो प्रेम करते हैं, वे खुद को मिटाकर प्रेम को जीवित रखते हैं।”
सच्चे प्रेमी दुनिया से नहीं हारते, बल्कि दुनिया को अपने प्रेम की सच्चाई दिखाकर अमर बन जाते हैं। प्रेम सिर्फ एक एहसास नहीं, बल्कि वह दिव्य ऊर्जा है जो जीवन को सार्थक बनाती है। इतिहास गवाह है कि जिन्होंने प्रेम को अपने त्याग और समर्पण से सींचा, वे अमर हो गए।
“प्रेम कोई क्षणिक भावना नहीं, बल्कि जीवन को नया अर्थ देने वाली शक्ति है।”
लेखक-आनन्द पटेल दयालु